हम क्यूँ सोचते हैं


कभी life में ये सोचकर, कि "लोग क्या कहेंगे" खुद को अपनी मर्ज़ी का काम करने से रोका है?  जैसे कोई अलग career चुनना जो doctor, engineer या mba ना हो, या फिर दुनिया की सारी जंजीरें तोड़के प्यार करना, या फिर वो कपड़े पहनना जिनकी length दुनिया ने नहीं बल्कि तुमने decide की है, या फिर अकेले जाकर hall में picture देखना... अमा छोड़ो यार ये should I do this, or should I not की confusion... ये बेकार की बातें सोचकर सोचकर ज़िन्दगी ऐसे ही निकल जायेगी एक दिन!!..चलो आज दुनिया के सारे rules तोड़के अपने मन का करें और जो ख्वाब कभी बन्द कमरे में देखे थे उन्हें बाहर निकलके पूरा करें...चलो आज अपनी ज़िन्दगी अपने शर्तों पे जीयें.. क्यूँकि एक ही तो ज़िन्दगी मिलती है दोस्तों, चलो उसे जीकर ही मरें!! 

कभी सोचते हैं,
कि हम इतना क्यूँ सोचते हैं,
अपनी हसरतों का गला क्यूँ घोंटते हैं...
"लोग क्या कहेंगे",
इस बनावटी दलील की चट्टान से,
अपनी हस्ती को क्यूँ झोंकते हैं...
कभी सोचते हैं,
कि हम इतना क्यूँ सोचते हैं...

क्यूँ ना कुछ ऐसा कर जाएं,
जो सबसे अलग हो,
जिससे दुनिया को नहीं,
बल्कि हमको खुद पे फ़क्र हो..
क्यूँ ना उस परिंदे की तरह खुले आसमान में उड़ जाएं,
जिसकी उड़ान की कोई सरहद ना हो..
काफ़िले में ना चल कर अपना रास्ता हम खुद चुनें,
जिसका किसी को इल्म ना हो..
क्यूँ ना मेहनत के पानी से,
अपने अरमानों का पौधा सींच कर,
सेहरा में भी ज़िंदादिली के फूल खिलाएं...
आओ हम दुनिया के कायदों से आज़ाद हो जाएं...

कभी सोचते हैं,
कि हम इतना क्यूँ सोचते हैं,
अपनी हसरतों का गला क्यूँ घोंटते हैं...

ऐसा क्यूँ है, वैसा क्यूँ नही,
इन बेकार की बातों में वक़्त क्यूँ गवाएं,
आओ खुद ही सवाल बनाएं,
फिर जवाब भी खुद ही ढूँढ कर लाएँ,
क्यूँ ना अपनी ज़िन्दगी की गाड़ी हम खुद चलायें,
और नए रास्तों पे रफ्तार से जाएं..
पहले ही अच्छा था, आज बुरा है,
ये कहकर किस्मत बेचारी को क्यूँ कोसते हैं..
आओ अपनी तकदीर खुद ही बनाएं...
क्यूँ ना दिमाग की बात सुनकर,
दिल से हर काम कर जाएं,
आओ दोनों में एक संयम सजाएँ...

कभी सोचते हैं,
कि हम इतना क्यूँ सोचते हैं,
और अपनी हसरतों का गला क्यूँ घोंटते हैं..
हम बेकार ही क्यूँ सोचते हैं..


Comments

Popular posts from this blog

Have We Become Productive Machines? The Battle of Productivity and Mental Well-being

Breaking the Chains: Unraveling the Ties Between Mental Illness and Substance Use for a Healthier Future

Embracing the Odyssey: Revel in Your Journey, Celebrate Your Triumphs