इस बार की दिवाली


इस बार की दिवाली कुछ खास है,
मायूसी के अंधेरों को चीरता,
उम्मीद के दीयों का प्रकाश है,
इस बार की दिवाली कुछ खास है...
मुखोटों के पीछे से ही सही,
एक दूसरे की शुभकामनाएं तो पास हैं,
इस बार की दिवाली कुछ खास है...

यूँ तो हम रिश्तेदारों से दूर हैं मगर,
फिर भी कुछ अपनों का साथ है,
इस साल दावतें कुछ कम ही सही,
पर अपने घर के कोनों में तो,
देसी घी की मिठाई की महक का वास है,
इस बार की दिवाली कुछ खास है,
क्यूँकि शायद इस दिवाली में मेरे तुम्हारे बचपन की गहरी याद है...
हाँ, इस बार की दिवाली कुछ खास है...

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